Ganga Mata ki Aarti Lyrics: मां गंगा की आरती एक भक्तिमय आरती है, जिसमे गंगा की महिमा का गुणगान किया गया है। इस आरती में गंगा नदी के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन किया गया है। इस आरती का पाठ करने से मां गंगा की कृपा होती है और पापों का नाश होता है।
इस आरती में गंगा नदी के अलग अलग नामों जैसे गंगे, त्रिलोकी मंगलकारी, ज्ञान प्रदायिनी आदि से गुणों का गुणगान किया जाता हैं। यह आरती गंगा को श्रद्धासुमन अर्पित करती है और शुभता, शांति और पापों से मुक्ति का आशीर्वाद भी मांगती है।
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Ganga Mata ki Aarti in Hindi
ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता।
जो नर तुमको ध्यावत, मनवांछित फल पाता।
चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।
एक ही बार भी नर तेरी शरणगति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता।
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।
दास वही सहज में मुक्ति को पाता।
ओउम् जय गंगे माता।
हमारी संस्कृति में गंगा को बहुत ही पवित्र नदी मानी जाती है। इसमें स्नान आदि करने से सभी पापों का नाश होता होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
FAQ
घर पर गंगा मां की पूजा कैसे करें?
घर पर गंगा मां की पूजा के लिए आपको सबसे सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने वाले पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर नहा लेना है। फिर आपको इसे गंगा मां की मूर्ति/विग्रह या नदी में फूल, सिंदूर, गुलाल, लाल फूल, लाल चंदन आदि अर्पित करके मां गंगा की पूजा करनी है।
गंगा आरती कैसे देखें?
मां गंगा की आरती हर की पौड़ी घाट पर होती है, जो की हरिद्वार के मुख्य क्षेत्रों में से एक है।
गंगा स्नान सुबह कितने बजे करना चाहिए?
गंगा स्नान सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4 से 5 बजे के बीच करना चाहिए।
क्या पीरियड में गंगा स्नान कर सकते है?
महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान गंगा में स्नान नही करना चाहिए।
हरिद्वार में किस घाट पर गंगा आरती की जाती है?
हरिद्वार में हर की पौड़ी घाट पर मां गंगा की भव्य आरती हर रोज की जाती है। यह आरती दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।