Shri Ram Chalisa Lyrics in Hindi: श्री राम चालीसा सनातन धर्म में सबसे लोकप्रिय भजनों में से एक है। यह चालीसा चौपाइयों का भजन है, जिसके तहत भगवान राम के जीवन, गुणों और समर्पण की व्याख्या की गई है।
भगवान राम को हिंदू धर्म में मानवता, धर्म और नैतिकता के प्रतीक माने जाते है। उनकी इस चालीसा से भक्त उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते है और धार्मिकता से सच्चे मार्ग पर चलने का प्रयास करते है। गंगा माता की आरती लिखित में
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Shri Ram Chalisa Lyrics in Hindi
श्री रघुवीर भक्त हितकारी।
सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।।
निशिदिन ध्यान धरै जो कोई।
ता सम भक्त और नहिं होई।।
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं।
ब्रह्मा इंद्र पार नहिं पाहीं।।
जय जय जय रघुनाथ कृपाला।
सदा करो संतन प्रतिपाला।।
दूत तुम्हार वीर हनुमान।
जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना।।
तव भुजदंड प्रचंड कृपाला।
रावण मारि सुरन प्रतिपाला।।
तुम अनाथ के नाथ गुसांई।
दीनन के हो सदा सहाई।।
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं।
सदा ईश तुम्हारे यश गावैं।।
चारिउ वेद भरत हैं साखी।
तुम भक्तन की लज्जा राखी।।
गुण गावत शारद मन माहीं।
सुरपति ताको पार न पाहीं।।
नाम तुम्हार लेत जो कोई।
ता सम धन्य और नहिं होई।।
राम नाम अपरम्पार ।
चारिउ वेदन जाहि पुकारा।।
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हौ।
तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हौ।।
शेष रटत नित नाम तुम्हारा।
महि को भार शीश पर धारा।।
फूल समान रहत सो भारा।
पाव न कोउ तुम्हरो पारा।।
भरत नाम तुम्हारो उर धारो।
तासों कबहु न रण में हारो।।
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा।
सुमिरत होत शत्रु कर नाशा।।
लषन तुम्हारे आज्ञाकारी।
सदा करत संतन रखवारी।।
ताते रण जीते नहिं कोई।
युद्ध जुरे यमहूं किन होई।।
महालक्ष्मी धर अवतारा।
सब विधि करत पाप को छारा।।
सीता नाम पुनीता गायो।
भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो।।
घट सों प्रकट भई सो आई।
जाको देखते चंद्र लजाई।।
सो तुमरे नित पांव पलोटत
नवों निधि चरणन में लोटत।।
सिद्धि आठहूं मंगलकारी।
सो तुम पर जावै बलिहारी।।
औरहु जो अनेक प्रभुताई।
सो सीतापति तुमहिं बनाई।।
इच्छा तेज कोटिन संसारा।
रचत न लागत पल की वारा।।
जो तुम्हारे चरणन चित लावै।
ताकी मुक्ति अवसि हो जावै।।
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा।
निर्गुण ब्रह्म अखंड अनूपा।।
सत्य सत्य सत्य ब्रत स्वामी।
सत्य सनातन अंतर्यामी।।
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै।
सो निश्चय चारों फल पावै।।
सत्य शपथ गौरीपति किन्हीं।
तुमने भक्तिहिं सब सिधि दीन्हीं।।
सुनहु राम तुम तात हमारे।
तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे।।
तुमहिं देव कुल देव हमारे।
तुम गुरूदेव प्राण के प्यारे।।
जो कुछ हो सो तुम ही राजा।
जय जय जय प्रभु राखो लाजा।।
राम आत्मा पोषण हारो।
जय जय जय दशरथ के दुलारे।।
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा।
नमो नमो जय जगपति भूपा।।
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा।
नाम तुम्हार हरत संतापा।।
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया।
बजी दुंदुभी शंख बजाया।।
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन।
तुम ही हो हमरे तन मन धन।।
याको पाठ करें जो कोई।
ज्ञान प्रकट ताके उर होई।।
आवागमन मिटै तिहि केरा।
सत्य वचन माने शिव मेरा।।
और आस मन में जो होई।
मनवांछित फल पावे सोई।।
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावैं।
तुलसीदास अरु फूल चढ़ावैं।।
साग पत्र सो भोग लगावैं।
सो नर सकल सिद्धता पावैं।।
अंत समय रघुवरपुर जाई।
जहां जन्म हरि भक्त कहाई।।
श्री हरिदस कहै अरु गावै।
सो बैकुंठ धाम को जावै।।
।।दोहा।।
सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।
हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय।।
राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।
जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्ध हो जाए।।
भगवान श्री राम चालीसा का पाठ भक्त को राम जी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए, जीवन में सफल होने के लिए आत्मिक शांति और सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। इससे हमें जीवन में धर्म, सत्य और प्रेम के रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
FAQ
ram chalisa ke fayde?
श्री राम चालीसा के निम्न लाभ है:
1. आध्यात्मिक विकास होता है।
2. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
3. विघ्नों का नाश होता है।
4. लोगो में धार्मिक संवेदना बढ़ती है।
ram chalisa kitni baar padhna chahiye?
राम चालीसा का पाठ आप किसी भी समय और कितनी बार भी कर सकते है।
राम जी का असली नाम क्या है?
भगवान श्री नाम का एक नाम दसरथ राघव रखा गया था।
राम जी की कितनी पत्नियां थी?
भगवान श्री राम की केवल एक पत्नी है, जिनका नाम माता सीता है।
मृत्यु के समय राम की उम्र कितनी थी?
श्री राम के वेकुंठ जाने के समय पर वे उनकी आयु 11 हजार वर्ष थी।
भगवान राम का गोत्र क्या है?
भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु कुल में हुआ था। उनका वंश सूर्यवंश और गोत्र विवसवन था।