बुधवार की आरती | Budhvar ki Aarti Lyrics

Budhvar ki Aarti Lyrics को गाने से हमे बुद्ध के आशीर्वाद मिलते है। इस आरती से हमे बुद्ध के ज्ञान, बुद्धि, और सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है। इससे हमारे मन को शांति और सकारात्मकता का आभास होता है। इससे हमे जीवन में कई शुभ संकेत मिलते है।

बुधवार की आरती का महत्व

Budhvar ki Aarti Lyrics
Budhvar ki Aarti Lyrics

बुधवार एक महत्वपूर्ण दिन है जो हर सप्ताह हमारे हिंदू पंचांग में शामिल होता है। बुधवार को यह नाम बुद्ध ग्रह के नाम से मिला है। विज्ञान, ज्ञान, विद्या, संचार, आदर्शो और वाणी के देवता बुद्ध ग्रह को समर्पित है, इसलिए बुधवार को बुद्धि, विद्या और ज्ञान प्राप्ति के लिए शुभ दिन माना जाता है। मंगलवार की आरती | Mangalvar ki Aarti

बुधवार का दिन विद्या और ज्ञान के उद्देश्यों के लिए विशेष महत्व रखता है, इसलिए बुधवार को ही अधिकतर लोग शिक्षा और व्यापार संबंधित कार्यों की शुरुआत करते है।

बुधवार को बुधवारी देवी का दिन होता है और इसे बुध ग्रह के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान बुध की पूजा, अर्चना की जाती है।

आरती युगल किशोर की कीजै,
तन-मन-धन न्यौछावर कीजै।।
गौर श्याम मुख निरखत रीझै,
हरि को स्वरूप नयन भरि पीजै।
रवि शशि कोटि बदन की शोभा,
ताहि निरखि मेरा मन लोभा।
ओढ़े नील पीत पट सारी,
कुंज बिहारी गिरवर धारी।
फूलन की सेज फूलन की माला,
रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला।
मोर मुकुट मुरली कर सोहे,
नटवर कला देखि मन मोहै।
कंचन थार कपूर की बाती,
हरि आये निर्मल भी जाती।
श्री पुरुषोत्तम गिरवर धारी,
आरती करें सकल ब्रजनारी।
नन्दनन्दन वृषभानु किशोरी,
परमानन्द स्वामी अविचल जोरी।

इस दिन भगवान बुध की पूजा, अर्चना की जाती है। बुध ग्रह को ज्ञान, आदर्शो, और व्यापार के देवताओं जैसे रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश और विद्या की देवी माता सरस्वती की भी पूजा अर्चना की जाती है। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की वंदना भी बुधवार को की जाती है।

यह बुध ग्रह संवदेनशीलता और सूक्ष्म बुद्धि की प्रतिष्ठा का प्रतीक है। इस दिन लोग बुध ग्रह की कृपा और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बुध भगवान की पूजा, व्रत और उपासना करते है। श्री हनुमान चालीसा इन हिंदी

ग्रहणो के दौरान भी बुधवार की पूजा महत्वपूर्ण मानी जाती है।

Budhvar ki Aarti

Aarti YugalKishore ki kijay,
Tann Mann Nyuchavar kijay ||
Gor shyam Mukh Nirkhan Lijiye, 
Hari Ko swaroop Nayan Bhari Pijiye ||
Ravi Shashi koti badan ki shobha,
Tahi nirakhi mera mann lobha ||
Odde neel peet pat sari,
Kunj Bihari girivar dhari ||
Phulan ki sej phulan ki mala,
Ratan sinhasan baithe Nandlala ||
Kanchan thar kapur ki bati,
Hari aye nirmal bahi chhati ||
Shree Purshottam Girivar dhari.
Aarti kare sakal Brajanari.
Nand-Nandan Brajbhan Kishori,
Parmanand Swami Avichal jori ||

इस दिन अक्सर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संगठनों में अलग अलग सांस्कृतिक और शिक्षात्मक कार्यक्रमों का अयोजन किया जाता है। यह दिन व्यापार, वित्तीय कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

इस बुधवार की आरती द्वारा भगवान बुध के आगमन का स्वागत किया जाता है और सुख तथा आध्यात्मिक शांति की प्रार्थना की जाती है। इस आरती से भक्तो को ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करने के लिए प्रेरणा मिलती है।

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FAQ

बुद्धि के देवता कौन है?

भगवान गणेश को बुद्धि और रिद्धि सिद्धि के देवता माना जाता है और देवी सरस्वती को भी विद्या और ज्ञान की देवी मानते है। भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता है, यानी कोई शुभ कार्य करने से पहले उनकी ही पूजा होती है।

बुधवार को कौन से भगवान का दिन होता है?

बुधवार को ज्ञान, विद्या और बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसी के साथ देवी सरस्वती की भी पूजा इसी दिन कर सकते है, क्योंकि वे भी विद्या की देवी है।

बुधवार का व्रत करने से क्या लाभ होता है?

बुधवार का व्रत करने से बुद्धि का विकास होता है और धन की कमी दूर होती है तथा व्यापार कार्यों में सफलता मिलती है।

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