सरस्वती जी की आरती लिरिक्स | Saraswati ji ki Aarti Lyrics in Hindi

Saraswati ji ki Aarti Lyrics in Hindi: सरस्वती की को आरती विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण आरती है। इससे हम सरस्वती देवी की महिमा का गुणगान और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी स्तुति करते है।

इस आरती में देवी सरस्वती के अलग अलग नामों, स्वरूपों और गुणों को वंदना की जाती है। इससे मां सरस्वती देवी की कृपा मिलती है और ज्ञान, कला तथा संगीत में सफलता मिलती है। श्री गणेश चालीसा पाठ इन हिंदी

Saraswati ji ki Aarti in Hindi

Saraswati ji ki Aarti Lyrics in Hindi
Saraswati ji ki Aarti Lyrics in Hindi

आरती करूं सरस्वती मातु,
हमारी हो भव भय हारी हो

हंस वाहन पदमासन तेरा,
शुभ वस्त्र अनुपम है तेरा

रावण का मन कैसे फेरा,
वर मांगत वन गया सबेरा

यह सब कृपा तिहारी,
उपकारी हो मातु हमारी हो।

तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो,
हम अम्बुजन विकास करती हो

मंगल भवन मातु सरस्वती हो,
बहुमूकन बाचाल करती हो

Saraswati ji ki Aarti
Saraswati ji ki Aarti

विघा देने वाली वीणा,
धारी हो मातु हमारी

तुम्हारी कृपा गणनायक,
लायक विष्णु भये जग के पालक

अम्बा कहायी सृष्टि ही कारण,
भये शम्भु संसार ही घालक

बन्दों आदि भवानी जग,
सुखकारी हो मातु हमारी।

सदबुद्धि विघाबल मोही दीजै,
तुम अज्ञान हटा रख लीजै

Maa Saraswati Photo
Maa Saraswati Photo

जन्मभूमि हित अर्पण कीजे,
कर्मवीर भस्महिं कर जीजे

ऐसी विनय हमारी भवभय,
हरी, मातु हमारी हो।

आरती करूं सरस्वती मातु।।

सरस्वती देवी की आरती हमें आंतरिक सांत्वना और प्रेरणा देती है और विद्या, कला, ज्ञान के स्त्रोत के रूप सरस्वती देवी को पूजा जाता है। इस आरती का पाठ कोई भी व्यक्ति किसी भी समय कर सकता है। गणेश जी की आरती इन हिंदी

FAQ

मां सरस्वती जुबान पर कब आती है?

ऐसा माना गया है की हर सुबह 3:10 से 3:15 तक के समय सबसे अच्छा है। इसलिए आपको हर सुबह इसी समय अपनी मनोकामना बोलनी चाहिए। इसके अलावा हर सुबह 3:20 से 3:40 के बीच देवी सरस्वती आपकी जीभ पर बैठती है।

मां सरस्वती के पति कौन है?

ऐसा माना जाता है की ब्रह्मा जी ने अपनी बेटी सरस्वती से विवाह किया था और 100 साल जंगल में पति पत्नी के रूप में रहे थे।

विद्या और बुद्धि के लिए कौन प्रार्थना करें?

देवी सरस्वती को विद्या और कला की देवी कहा जाता है। इसलिए कलाकार और वैज्ञानिक भी ज्ञान के लिए मां सरस्वती की पूजा करते है।

मां सरस्वती को प्रसन्न कैसे करें?

इसके लिए आपको बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर के पीले रंग के कपड़े पहनने है और घर में मंदिर में साफ सफाई करनी है। फिर आपको प्यार घर में गंगाजल/गुलाब के पानी का छिड़काव करके मां सरस्वती की पूजा करनी है।

मां सरस्वती को क्या पसंद है?

मां सरस्वती को मीठी बूंदी बहुत प्रिय है। इसलिए उन्हें पूजा करते समय मीठी बूंदी का भोग लगाना चाहिए।

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