शुक्रवार की आरती | Shukravar ki Aarti

Shukravar ki Aarti एक प्रमुख पूजा विधि है, जो शुक्र देवता को समर्पित होती है। इस आरती के द्वारा भक्त शुक्र देव से आशीर्वाद और कृपा करने प्रार्थना करते है, इससे उनके जीवन में सौभाग्य, सुख शांति और सुंदरता आती है। यह आरती भक्तो द्वारा भगवान शुक्र के प्रति अनुराग और भक्ति भावना को व्यक्त करने का अच्छा माध्यम है।

शुक्रवार की आरती का महत्व 

Shukravar ki Aarti
Shukravar ki Aarti

शुक्रवार दो शब्दो “शुक्र” और “वार” से मिलकर बना है। हिंदी पंचांग के अनुसार यह सप्ताह का छठा दिन होता है। यह वार देवता शुक्र को विशेष रूप से समर्पित है, जो की संतान, प्रेम, सौभाग्य, सुंदरता और विवाह से संबंधित है। गुरुवार की आरती | Guruvar ki Aarti

यह दिन शुक्र ग्रह को समर्पित होता है और इसका नाम शुक्र देवता के नाम पर रखा गया है। शुक्रवार के दिन व्रत रखने और शुक्रवार की आरती का पाठ करने से शुक्र देवता की कृपा मिलती है और जीवन सुख, सौभाग्य और सुंदर हो जाता है।

यह आरती भक्तो में शुभता, समृद्धि और सौभाग्य का संचार करती है। यह आरती भक्त आध्यात्मिक उन्नति को ओर ले जाती है।

आरती लक्ष्मण बालजती की,
असुर संहारण प्राणपति की।।
जगत जोति अवधपुर राजे,
शेषाचल पै आप विराजे।
घंटा ताल पखावज बाजे,
कोटि देव मुनि आरती साजे।
क्रीट मुकुट कर धनुष विराजे,
तीन लोक जाकि शोभा राजे।
कंचन थार कपूर सुहाई,
आरती करत सुमित्रा माई।
आरती कीजैं हरि की तैसी,
ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी।
प्रेम मगन होय आरती गावैं,
बसि बैकुण्ड बहुरि नहिं आवैं।
भक्ति हेतु लाड लडावै,
जन घनश्याम परम पद पावै।

शुक्रवार की आरती को नियमित रूप से करने से यह भक्तो को मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक शांति की ओर ले जाती है और इससे उन्हे खुद के अंदर की ऊर्जा के साथ शुक्र देवता के प्रति समर्पित होने का भाव भी अनुभव होता है।

शुक्रवार के दिन शुक्र देवता के कृपा प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है और उनसे धन, सुंदरता और संतान की कामना की जाती है। बुधवार की आरती | Budhvar ki Aarti

यह दिन विवाह, संगीत, कला और सौंदर्य के लिए भी महत्व रखता है।

Shukravar ki Aarti

Aarti Lakshman Baaljati Ki,
Asur Sanhaaran Praanpati Ki |
Jagmag Jyoti Avadhpur Raaje
Sheshachal Pai Aap Viraaje |
Ghanta Taal Pakhawaj Baaje,
Koti Dev Muni Aarti Saaje |
Kirit Mukut Kar Dhanush Viraaje,
Teen Lok Jaaki Shobha Raaje |
Kanchan Thar Kapoor Suhaai,
Aarti Karat Sumitra Mai |
Aarti Kije Hari Ki Taisi,
Dhruv Prahlaad Vibhishan Jaisi |
Prem Magan Hopye Aarti Gaave,
Basi Vaikunth Bahuri Nahi Aave |
Bhakti Hetu Hari Dhyan Lagave,
Jan Ghanshyam Parampad Paave |

शुक्रवार को माता संतोषी और माता महालक्ष्मी का वार भी माना जाता है, इसलिए भक्त शुक्रवार की आरती गाकर उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करते है। मंगलवार की आरती | Mangalvar ki Aarti

FAQ

शुक्रवार शुभ क्यों है?

शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी, पार्वती और दुर्गा के अनेक रूपों की पूजा की जाती है। विवाहित महिलाएं भी शुक्रवार के दिन देवी देवताओं की पूजा अर्चना करती है।

शुक्रवार को क्या करने से धन आता है?

शुक्रवार को माता महालक्ष्मी की पूजा करने से और लाल बिंदी, सिंदूर, लाल चुनरी और लाल चूड़ियां अर्पित करने से धन धान्य संबंधी परेशानी दूर होती है।

शुक्रवार के दिन कौन सा रंग पहने?

शुक्रवार माता लक्ष्मी का वार होता है, इस दिन सफेद, लाल, गुलाबी वस्त्र पहनने चाहिए।

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