Somvar ki Aarti का महत्व बहुत अधिक होता है। सोमवार हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है और भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस आरती के द्वारा भक्त शिवजी की स्तुति करते हैं और उन्हें अपनी भक्ति और समर्पण का प्रकट करते हैं। सोमवार की आरती को सोमवार के व्रत में अवश्य पढ़ना चाहिए।
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सोमवार की आरती का महत्व
सोमवार का नाम महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन भगवान शिव की विशेष आराधना और पूजा होती है। शिवजी को सोमनाथ, सोमेश्वर, सोमसुंदर, सोमेश, सोमाराम आदि नामों से पुकारा जाता है और उनके सारे भक्त इस दिन उनकी पूजा और अर्चना करते हैं। शिव भक्त सोमवार को विशेष मानते हैं क्योंकि इस दिन शिवजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर होता है।
इस दिन भगवान शिव के नामों का जाप करने और उनकी कृपा को प्राप्त करने से भक्त को मन की शांति, आत्मिक उन्नति, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। रविवार की आरती | Ravivar ki Aarti
आरती करत जनक कर जोरे। बड़े भाग्य रामजी आये घर मोरे।। |
जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाएं। सब भूपन के गर्व मिटाये। |
तोरि पिनाक किये दुई खण्डा। रघुकुल हर्ष रावण भय शंका। |
आई है सीता संग सहेली। हरषि निरखि वर माला फेरी। |
गज मोतियन के चौंक पुराए। कनक कलश भरि मंगल गाये। |
कंचन थार कपूर की बाती। सुरनर मुनिजन आये बराती। |
फिरत भांवरि बाजा बाजे। सिया सहित रघुबीर बिराजे। |
धनि-धनि राम लखन दोऊ भाई। धनि दशरथ कौशल्या माई। |
राजा दशरथ जनक विदेही। भरत शत्रुघन परम स्नेही। |
मिथिलापुर मे बजत बधाई। दास मुरारी स्वामी आरती गाई। |
यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और इसका नाम चंद्रमा (सोम) के आधार पर रखा गया है। चंद्रमा को सोम देवता के रूप में माना जाता है श्री हनुमान चालीसा इन हिंदी
Somvar ki Aarti in English
Aarti karat janak kar jore | bade bhagya ramjee ghar aae more || |
Jeet svayamvar dhanush chadhae | sab bhoopan ke garv mitae || |
Tori pinaak kie dui khanda | raghukul harsh raavan man shanka || |
Aaee hai sita sang saheli | harashi nirakhi varmaala pheri || |
Gaj Motiyan ke chowk puraye | kanak kalash bhari mangal gae || |
Kanchan thaar kapoor kee baati | surnar muni jan aae baraatee || |
Phirat bhaanvaree baaja baaje | siya sahit raghubeer viraaje || |
Raaja dasharath janak videhee | Bharat shatrughan param sanehee || |
Raaja dasharath janak videhee | Bharat Shatrughan param sanehee || |
Dhani-Dhani raam lakhan dou bhaee | dhani dasharath kaushalya maee || |
सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा, जागरण, मंत्र जाप, स्तोत्र पाठ, चौपाई पाठ, और सोमवार का व्रत आदि के विशेष लाभ मिलते है।
इस दिन भगवान शिव के प्रतीक चिन्ह शिवलिंग की पूजा करते है और अपनी मनोकामनाएं शंकर भगवान से मांगते है।
सोमवार को उन्नति, सुख, सफलता, समृद्धि और आनंद के प्रतीक के रूप में माना जाता है। भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त अपने मन, कर्म और वचन को शुद्ध करते है। सोमवार को समर्पित रहने से जीवन में खुशहाली, सद्गति होती है तथा आध्यात्मिक प्रगति भी होती है। शुक्रवार की आरती
FAQ
क्या औरतों को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए?
धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर औरतों को जल नही चढ़ाना चाहिए और औरतों का शिवलिंग को छूना वर्जित बताया गया है।
शिवलिंग पर कोनसे लोटे से जल चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर सोने, तांबे या चांदी के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए और साथ में ही भोलेनाथ के मंत्रों का जप करना चाहिए।
शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर जल, दही, दूध, घी, इत्र, बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल, गन्ने का रस, आक या चमेली का फूल, मिश्री, शहद, कुशा का जल आदि चढ़ाना चाहिए।
सोमवार की आरती के क्या लाभ है?
यह आरती शिव भक्तों के मन को शुद्ध करती है और उन्हे आत्मिक शांति तथा आनंद देती है। इस आरती से शिव जी खुश होते है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।